
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के विकेटकीपर बैट्समेन पार्थिव पटेल इन दिनों IPL मैच या फिर प्रैक्टिस के बाद जब भी अपना फोन वापस छूते हैं तो उनकी धड़कनें थम सी जाती हैं। वह बस यही दुआ करते हैं कि कोई ऐसी खबर ना हो जिसका अंदेशा उन्हें हमेशा होता है।
पार्थिव का यह हाल उनके पिता की गंभीर हालत के चलते है। पार्थिव के पिता पिछले ब्रेन हैमरेज के बाद दो महीनों से अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती हैं। बकौलत पार्थिव, इन दिनों जब भी वह अपने फोन के कीपैड को अनलॉक करते हैं उन्हें वो भयानक पल याद आ जाते हैं।
काफी गंभीर है तबीयत
द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान पटेल ने कहा, ‘मैं बस उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि डॉक्टर्स की तरफ से कोई बुरी खबर न हो।’ बता दें कि IPL शुरू होने से पहले बीती फरवरी में पार्थिव ने ट्विटर पर अपने पिता की मेडिकल कंडिशन को शेयर किया था।
पार्थिव ने लिखा था, ‘कृपया मेरे पिता को अपनी प्रार्थनाओं में रखिएगा। वह ब्रेन हैमरेज से जूझ रहे हैं।’ गौरतलब है कि दो महीने बीत चुके हैं पर पार्थिव के पिता की तबीयत में कोई सुधार नहीं है। वह अब भी ICU में एडमिट हैं और उनकी स्थिति स्टेबल नहीं है।
पिता की इच्छा
पिता की इस स्थिति के कारण पार्थिव का IPL शेड्यूल काफी थकान भरा है। वह हर गेम के बाद अपने होमटाउन ट्रैवल कर रहे हैं। उनकी फ्रेंचाइजी ने भी उन्हें ऐसा करने की अनुमति दे रखी है।
ऐसे मुश्किल हालात में एक तरफ जहां पटेल बेटे होने का फर्ज़ अदा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर वह अपने काम को भी बराबर तवज्जो दे रहे हैं। वह हर गेम से पहले अपनी टीम को जॉइन करते हैं।
पटेल कहते हैं, ‘जब मैं खेलता हूं तब मेरे दिमाग में कुछ नहीं आता पर जब गेम खत्म हो जाता है तो मेरा पूरा ध्यान घर पर होता है। मेरे दिन की शुरुआत अपने पिता की हालत जानने से होती है। मैं डॉक्टर्स से टच में होता हूं। हालांकि मेरे घर में सभी लोग हैं पर जरूरी फैसलों के लिए फाइनल अप्रूवल मेरा होता है।’
गौरतलब है कि पार्थिव के पिता हमेशा अपने बेटे को खेलते ही देखना चाहते हैं। शायद इसीलिए पटेल उनकी बीमारी में भी खेलने से पीछे नहीं हट रहे।